प्रयागराज में इन दिनों

प्रयागराज, भारत का हर व्यक्ति जाना चाहता है …इस आस्था के महाकुंभ में डुबकी लगाना चाहता है ..। मन की शुद्धि चाहता है लेकिन इतनी भीड़ जिसको देखो वो ही कुंभ की तरफ जा रहा है …बिना अपनी या दूसरों की जान की फिकर किए हुए …।
कल मैने देखा कि मधुबनी के ट्रेन का शीशा तोड़ दिया गया अंदर औरतें रो रही थी किसी को चोट भी लग सकती थी किसी की जान भी जा सकती थी क्यों तोड़ा शीशा क्योंकि उनको कुंभ जाना था जाना था नहाना था लेकिन किसी को नुकसान पहुंचाकर तो नहीं जा सकते नहीं …।

सबने शीशा तोड़ने वालों की गलती देखी गलत था लेकिन किसी की इमरजेंसी यात्रा भी तो हो सकती थी जो लोग पहले चढ़ गए वो गेट बंद कर देते हैं ज्यादा भीड़ के कारण …।
भीड़ ये नहीं सोचती कि जिन्होंने पहले से टिकट कराया हमारा कन्फर्म नहीं हुआ हम नहीं सफर करें हम अपनी यात्रा को रद्द कर दें …।
कोई नहीं सोच रहा मैने दूसरा वीडियो भी देखा जिसमें लोग बिना शीशे के ही सफर कर रहे थे .. और वे बहुत खुश थे कि चलो कुंभ नहाने …।
शीशा टूटा किसका टूटा सरकार का सरकार किसकी है मोदी जी की लेकिन इन बुद्धजीवी प्राणी को कौन समझाए कि ये जो हम हर बात बात पर tax का भुगतान करते हैं न इसी पैसे से सब होता सरकार का नुकसान कर हम अपना ही नुकसान करते हैं …।

मेरी दो मौसी है एक का टिकट कन्फर्म है फिर भी वो डर रही हैं इतने भीड़ में कैसे जाए । दूसरी मौसी का टिकट नहीं हो रहा वो सोच भी नहीं सकती जाने का …।
जबकि वो जानती हैं कि लोग बाथरूम में सफर करके जा रहे हैं …।जिनका टिकट है तो जिनका नहीं है तो सब एक जैसे ही सफर कर रहे हैं और तीसरी मेरी सासू मां आज एक प्राइवेट बस से गई सबको पता है आज सारे वाहनों का परिचालन बंद है फिर भी लोग पैसे लेकर गाड़ी की एंट्री दे रहें हैं …।
सब यहीं हो रहा है …।
कल मैं वो वीडियो देख बहुत दुखी हो गई बहुत से लोग वापिस चले गए ट्रेन में बैठे ही नहीं ..।क्योंकि मधुबनी जिले में ही मेरा गांव है तो कई जानने वालों ने बताया कि इतना हुड़दंग में कैसे जाएं …।
सोचिए जरा किसी ने अपना टिकट शुरू से हो बना रखा हो वो नहीं जा रहा और किसी की इच्छा हो गई अकस्मात कुंभ की तो निकल पड़े …।

खैर कुंभ में जाने के बाद लोग जब फंस रहें हैं तो वीडियो बना बना कर लोगों को और डरा रहे है। इतनी ट्रैफिक है मत आइए ये है वो है फिर आप क्यों गए भीड़ बढ़ाने के लिए बताइए …।
मैं क्या सोचती हूं कुंभ तो पहले भी होते थें भीड़ भी होती थी भगदड़ भी होता ही होगा लेकिन लोगों तक बात पहुंचते पहुंचते पुरानी हो जाती होगी …।
लेकिन इन्टरनेट सबके हाथ में आने से अच्छी बात भी और थोड़ी गलत भी लोग इसका सदुपयोग नहीं कर पाते मैं कुंभ के लिए ही नहीं कह रही आप फेसबुक इंस्टाग्राम खोल लो इतनी गंदगी फैला राखी है लोगों ने कंटेंट के लिए क्या क्या नहीं कर रहे लोग अगर
आप सोशल मीडिया का प्रयोग करते होंगे तो आप जानते ही होंगे मैं कहना क्या चाहती हूं ….।

पिछले कुंभ में एक ख़बर आई थी कि बहुत सारे बाबा इंजीनियर थे बाबा बन गए अब इस बार वो बाबा मिल रहे हैं तो कुंभ में जाकर सब उन्हीं को ढूंढ रहे हैं …।मोती बेचने वाली लड़की मोनालिसा रातों रात उसको फिल्म मिल गई उसके लिए तो अच्छा हैं लेकिन जो लोग प्रॉपर कोर्स करते रहते हैं और टैलेंट होते हुए भी सही जगह नहीं जा पाते उनके अंदर क्रोध की भावना आ रही है और वो सोशल मीडिया पर खुल कर बोल रही हैं … और सबसे प्यार तो वो दातून बेचने वाला लड़का है जिसने अपनी गर्लफ्रेंड की बात मानी और पैसे भी कमा लिए और स्टार भी बन गया .. ।

मैं मुद्दे से भटकी नहीं मैं ये बताने की कोशिश कर रही हूं कि एक खास वर्ग स्नान करने के बाद इन लोगों के साथ रील बनाकर इनके साथ फेमस होना चाहते हैं..।तो कृपया स्नान करिए और आगेकी और प्रस्थान करिए…। नगर में भीड़ जमा मत करिए …।
Written By: Sadhana Bhushan
Pic Credit: AI, Google
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