अगर आप भी करते हैं गूगल मैप का उपयोग तो हो जाएँ सावधान

गूगल मैप को आज किसी पहचान की जरुरत नहीं है . जितने लोगों के हाथ स्मार्ट फ़ोन है उतने लोगों के हाथ में गूगल मैप का उपयोग होता हैं .
अगर कोई गाड़ी रोक कर आपसे पता पूछ लें तो हमें ये समझने में देर नहीं लगती की हो सकता है या तो इसको गूगल मैप चलाना नहीं आता .या इसके पास स्मार्ट फ़ोन नहीं है . कहने का तात्पर्य यह है की गूगल मैप से आज कोई भी अन्भिग्य नहीं है .

लेकिन कितना भी technology तरक्की कर ले लेकिंग समय केअनुसार निर्णय लेने की मनुष्य के तरह कोई मशीन नहीं कर सकता है .
आठ फरवरी 2005 को गूगल मैप की स्थापना हुई थी। इसकी मदद से लोग एक जगह से दूसरी जगह आसानी से जा सकते हैं। क्योंकि यह मैप रास्ता दिखाने का काम करता है।

लेकिन, वर्तमान में कुछ घटनाएं ऐसी हुई, जिसने गूगल मैप पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। वर्तमान में गूगल मैप का इस्तेमाल करके न जाने कितने लोग अपनी जान तक से हाथ धो बैठे हैं।

कुछ समय पूर्व गूगल मैप की सहायता से गुरुग्राम से बरेली जा रही टैक्सी अधूरे ब्रिज से रामगंगा नदी में गिर गई। जिससे टैक्सी में मौजूद तीन लोगों की मौत हो गई।
दूसरी घटना में बिहार से गोवा जा रहे एक परिवार के लिए भी गूगल मैप बहुत बड़ा संकट बन कर खड़ा हो गया। गूगल मैप की वजह से रात को टैक्सी कर्नाटक के घने जंगलों में फंस गई। इस कारण सभी को रात जंगल में ही गुजारनी पड़ी। सुबह पुलिस की मदद से सभी लोग जंगल से बाहर निकल पाए।

ऐसी और बहुत सी घटनाएं सामने आई हैं। जिसमें बहुत लोग किसी-न-किसी तरह हताहत हुए। इसलिए, वर्तमान समय में किसी को भी गूगल मैप पर ऑंख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसके परिणाम भयावह हो सकते हैं।

अभिषेक ठाकुर- 9241474055