कहानी हैडफ़ोन की

एक बार हुआ यूं की रोहित स्कूल जा रहा था उसे रास्ते में एक
हेडफोन गिरा मिला …।
बच्चे तो होते ही शरारती हैं उसने उस हेडफोन को उठा लिया ….।
जब तक उसका बड़ा भाई मोहित टोकता तब तक तो उसने उसे कानो पर भी लगा लिया……।
मोहित उसे समझा के थक गया भाई रोड की चीज नहीं उठाते लेकिन रोहित ने एक नहीं सुनी ….।

मोहित बड़बड़ाते बड़बड़ाते चुप हो गया लेकिन ….।
उसकी आवाज रोहित के कानों में फिर भी आ रही थी…..।
रोहित को बड़ा आश्चर्य हुआ ….।
मोहित बोल रहा था चल आज तेरी पिटाई मां से करवाता हूं पापा को भी बोलूंगा कैसे रोड की चीजें उठाता फिरता है ….।
लेकिन मोहित के होठ तो बंद थे और

रोहित झट समझ गया की हेडफोन कोई ऐसी वैसी नहीं है जादुई है ….।
और वो उसको बैग में डाल कर स्कूल चला गया …..।
हेडफोन ऐसा था कि उसमें तार भी नहीं थे और वो दिखने में भी बहुत छोटा था ….।
क्लास में टीचर नहीं आए थे अभी बच्चे मस्ती कर रहे थे ….।
रोहित ने भी चुपके से हेडफोन निकाल लिया और सब बच्चो की बातें सुनने लगा ……।

लेकिन रोहित की नजर आशीष पर जाकर रुक गई क्यूंकि वो मन में बोल रहा था कि रोहित की कॉपी चुराकर टीचर को दिखा देगा ….।
रोहित तुरन्त अलर्ट हो गया …..।
उसने अपने कॉपी के आखिर में लिख दिया …
ये होमवर्क मैंने रोहित की ली है ….आई एम् सोरी …..।
और रोहित चुपचाप इधर उधर देखने लगा …..।
ताकि आशीष कॉपी आराम से निकाल ले…।

फिर टीचर आ गये सबका होमवर्क चेक हो रहा था कि एकदम से शांत हो गए क्लासरूम में एक नाम गूंजा ….आशीष…..।
चलो मुर्गा बनो…..।
उधर रोहित खुश ….।लेकिन वो अपनी खुशी अपने भाई के साथ भी बांटना चाहता था …..।
सुबह मां ने लंच में टिंडे दे दिए थे दोनो भाई ….दुखी थे सो अलग ….।
लंच ब्रेक में जाने कहां से खाने की खुशबू आ रही थी कि रोहित दोनो भाई उधर की तरफ चल दिए …।
रोहित ने भाई को सॉरी बोला और अपना सीक्रेट भी बता दिया ….।
लेकिन उनके पीछे आशीष आ रहा था जिसपर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया और उसने सारी बातें सुन ली …..।
रोहित की बात सुनकर मोहित तो उछलकर सीधे उस हेडफ़ोन को कान पर लगा लिया ….।

और वो उधर गए जहां से खाने की खुशबु आ रही थी…..।
पता चला ये पार्टी तो टीचर एक दूसरे को जाने कौन सी खुशी में दे रहे थे…..।
रोहित मोहित ने प्रोग्राम बनाया की आज तो टिंडे नहीं खाने ….।
तब तक आशीष पीछे से उनका हेडफोन जोकि मोहित ने टेबल पे रखी थी कैसे उठा के ले गया….।
आशीष ने हेडफोन कान में लगाया और शक्ति से एक ग्लास जूस
लेकर आओ….।
शक्ति ने मन ही मन आशीष को कोसा ….पढ़ने में तो फिसड्डी हैं रोज दूसरे दिन क्लास के बाहर मुर्गा बनता हैं और हम पर रोब झाड़ता हैं ….।

आशीष जोर से चिल्लाया तो शक्ति भाग के जूस लेने चला गया ….।
और अब आशीष अच्छा लग रहा था वो घूम घूम के हेडफोन के मज़े ले रहा था….।
तभी सामने से उसकी क्लासमेट चीनी आती दिखाई दी …।
आशीष कॉलर ठीक करके सीधे चीनी के पास चला गया और उसे आइसक्रीम का ऑफर देने लगा ….।
चीनी ने मन में कहा ..खुद तो मुर्गा बनता है और दूसरे को आइसक्रीम खिलाता है ….।
चल पैसे बर्बाद करने के लिए परेशान है तो मैं क्यूं मना करूं ….।
और वो रेडी हो गई ….।

लेकिन आशीष का दिल टूट गया उसने कुछ काम है का बहाना करके मना कर दिया …..।
उधर जब भरत मिलाप ख़तम हुआ तो उन्हे एहसास हुआ कि उनका मैजिक वाला हेडफोन गायब है ….।
वो समझ गए की ये काम आशीष का है क्यूंकि वो मोहित के बगलें बैठा तो था लेकिन बिना किसी लड़ाई के वो उधर से चला गया था हो की ये अपने आप में बहुत अजीब था …..।
दोनो भाई ने देखा आशीष इधर ही आ रहा है पर हेडफोन कैसे लें ….दोनो ने कुछ प्रोग्राम बनाया और ….।
शांति से वहीं खड़े हो गए …..।
आशीष आया और रोहित कुछ मन में सोच रहा था जिसे सुनकर आशीष उल्टें पांव चला गया….।
अब दो मिनिट भी नहीं गए थे कि प्रिंसिपल सर का बुलावा आ गया ….।
और दोनो भाई शायद इस बात को जानते थे मुस्कुरा कर फिर चेहरे पे तनाव का भाव लिए उस जगह उपस्थित हुए जहां पार्टी चल रही थी…..।
दरअसल हमने तुम्हे इसलिए बुलाया है कि आशीष कह रहा है कि तुमने सारे खाने में मिर्ची और नमक डाल दिया है….।
अब तुम्हे सजा के तौर पे सारा खाना चखना होगा तभी ये खाना कोई खायेगा ……।
रोहित ” लेकिन सर हम कैसे ?

सर ” हम कुछ नहीं जानते चख के दिखाओ ….।
अंधा क्या मांगे दो आंखे….।
खाना दिखने में तो बहुत लजीज लग रहे था …..।

सब लोग लगता है खाना स्टार्ट ही करने वाले थे कि आशीष ने आकर बम फोड़ दिया होगा ….बेचारा करता भी क्या ….।
रोहित ने जानबूझकर आशीष को देखकर ये सोचा था कि मैं खाने में एक पैकेट नमक ओर एक्स्ट्रा तीखी मिर्च मिला दूंगा और पार्टी खराब कर दूंगा…..।
और आशीष इन बातों में आ गया लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ था…..।
अब तो बांकी के टीचर के मुंह से भी पानी आ रहा है और बेचारा आशीष तो फिर से मुर्गा बनने वाला था …..।
नमक मिर्च होती एक्स्ट्रा तो ना परेशानी होती दोनों भाई ने चखते चखते पूरा पेट भर लिया …..।
अब तो प्रिंसिपल सर की पार्टी तो खराब हुई ही…..।
आशीष गेट के बाहर मुर्गा बना …..।
उसने गुस्से से वो हेडफोन फेक दिया बेकार है….।

और दोनो भाई खुश होकर घर गए ….।
चेंज करतें ही जैसे ही मां ने देखा खाने के लिए बोलने लगी कि मुझे मार्केट जाना था तुम लोग नहीं जाओगे तो मैं कैसे जाऊंगी ….।
पापा उसी टाइम अपने कमरे से ये सोचते निकल रहे थे हे भगवान ये नहीं जाएगी तो मुझे अपनी मैनेजर के साथ ऑनलाइन मीटिंग कैंसिल करनी होगी ये कहेगी जब काम फोन पे हो सकता है तो लाली लिपस्टिक को क्यों देख रहे हो?
बच्चो ने सोचा अगर मां नहीं गई तो टीवी पे कार्टून के बदले सीरियल चलेगा….।
दोनो भाइयों ने निर्णय किया थोड़ा खा लेते है
नहीं तो सब उल्टा पुल्टा हो जाएगा ….।

डाइनिंग टेबल पे मां गरम रोटी और सब्जी लें आयी सॉरी अब टिंडे नहीं बनाऊंगी …..।
और प्यार जताने लगी ….।
लेकिन ये क्या मां मन में तो कुछ बोल अलग रही थी वाह मां आज आपका भी अलग रूप देख लिया ….।
दरअसल ये आलू की सब्ज़ी पड़ोस आंटी दे गई थी तो उसी में और तड़का लगा दिया….।
मेरा दिमाग तो तेज़ चलता ही है….।

अब तो रोहित जैसे तैसे सब खत्म करके अपने कमरे में चला गया ….।
फिर सोचने लगा ये नहीं था तभी सब अच्छा था ….। और सो गया ….।

लेकिन सुबह जब उसकी आंख खुली और मोहित ने उसे कान से लगाया तो डेड हो चुका था ….।
मोहित ने उसे डस्टबिन में डाल दिया ….।
और सारा काम करके स्कूल चला गया …..।
लेखक – साधना भूषण की कलम से ये कहानी मैंने २०२० में लिखी थी प्रतिलिपि पर मैंने सोचा क्यूँ न अपनी कहानियों को अपने वेबसाइट पर डाल दूँ … धीरे धीरे करके सब ले आउंगी ताकि सब एक जगह मिल सके …फोटो साभार AI और गूगल