कुछ दोस्त हल्के में ले रहें हैं
अक्सर लोग गूगल से इस तरह के सवाल पूछते हैं की गूगल वाले भी हैरान हो जाते हैं ।
अभी कुछ दिन पहले एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा था गूगल भंडारा कहां है ।लोग जमकर उसको शेयर कर रहे थे .
लेकिन ये बात तो बड़ी आम सी हो गई है लोग गूगल से पूछते हैं मेरे बेटे की शादी कब होगी।
लड़कियां पूछती हैं सासू मां और ननद से कैसे व्यवहार करे।
लेकिन दो दिन पहले मैंने अभिषेक मेरे यहां आते हैं तो अपनी स्टोरी चेक कर रही थी तो गूगल सर्च में अपनी वेबसाइट का नाम डालने वाली थी तो देखा उसने क्या सर्च किया था “कुछ दोस्त हल्के में ले रहे हैं”

बड़ा अचंभित सा हुआ मन मैने पूछा अभिषेक ये क्या है तो उसने बताया की भाभी कुछ दोस्त हल्के में ले रहे हैं..।
हंसी पहले आई फिर ये मुद्दा लगा की सोचने लायक है की लोग और गूगल का संबंध कितना गहरा है की अब लोग लोग पे यकीन नही करते गूगल यानी कंप्यूटर पर ज्यादा यकीन करने लगे हैं ।
लोगों से अपने सवाल के जवाब के बदले कंप्यूटर से पूछ रहें हैं या तो लोग अजीब हो रहें हैं या दुनिया ही अजीब हो रही है।
मैने अभिषेक से पूछा की जवाब मिला तो उसने कहा नहीं भाभी मैंने बात आई गई करके टाल तो दी लेकिन मेरे दिमाग में बात घूमती रही और कोई बात मेरे दिमाग में घूमती है तो आपलोगों के साथ जरूर शेयर करती हूं अगर आप मेरा लेख पढ़ने के बात मेरी बात से सहमत हैं तो जरूर बताएगा..।

रहा सवाल अभिषेक के जवाब का तो मेरे हिसाब से अगर दोस्त हल्के में लें तो उसे भारी दिखाने के चक्कर में अपने आप को नुकसान न पहुंचाएं। शो ऑफ के चक्कर में पैसे की बर्बादी न करें..।
आप अपने करियर पर ध्यान दें फोकस करें उस गोल पर जो आपने अपने लिए बनाया है अगर नहीं तो बनाए एक गोल एक लक्ष्य की मुझे साल 2025 में ये चीज चाहिए उसके लिए मुझे मेरे दोस्त को त्यागना हो तो त्याग दीजिए ।

यकीन मानिए जब आप जिंदगी में सफल हो जाते हैं जो लोग आपको थोड़ा बहुत भी जानते हैं वो आपसे जुड़ना चाहेंगे ।आपके साथ सेल्फी लेंगे सोशल मीडिया पर पोस्ट करेंगे …।
दोस्त ज्यादा मत बनाइए एक या दो ज्यादा भीड़ बढ़ाने से कोई फायदा नहीं है कम रहेंगे लेकिन वफादार होने चाहिए उनको आपके रिश्ते के प्रति..।
अभी दो तीन दिन पहले मैने एक न्यूज पढ़ी थी आपलोगों ने भी पढ़ी होगी ..की दोस्त महंगा फोन खरीदा और दोस्तों को पार्टी नहीं दी तो चाकू से गोंद के मार दिया बताइए उनके एक दिन की पार्टी के एवज में दोस्त की जिंदगी इतना गुस्सा,सोचने में मजबूर कर देती हैं ये बातें …।

कुछ साल पहले कलकत्ता में मेरे एक जानने वाले रिश्तेदार का छोटा बेटा काम करने लगा अपनी मां के समझाने बुझाने पर लेकिन ये बात उसके दोस्तों को पसन्द नहीं आई और एक शादी अटेंड करने वो दोस्तों के साथ गया और सुबह हुई तो घर नहीं आने पर लोगों ने ढूंढना शुरू किया तो रेल की पटरी पर उसकी लाश पड़ी थी ..।
मैं ये नहीं कहती कि सारे लोग खराब हैं लेकिन आप किन लोगों के साथ हैं उनके बारे में आपके मां और पिताजी को मालूम होनी चाहिए ।

अपने माता पिता को बता कर उसी जगह जाइए जहां बोला झूठ बोलकर दूसरी जगह मत जाइए दोस्त बनाए अपनी बराबरी वाले से दोस्ती सही होती है अगर आपने अपने ज्यादा ओहदे वाले लोगों से दोस्ती कर ली तो उनके मंहगे गजट देख कर आप परेशान होंगे अगर आपने अपने से निचले ओहदे वाले से मेलजोल बढ़ा लिया तो आपके कीमती चीजें देख कर वो परेशान होगा और उसके अंदर आपके लिए आदर नहीं ईर्ष्या बढ़ेगी प्यार और मान सम्मान नहीं …।

मां और पिताजी की भी जिम्मेदारी होनी चाहिए कि बच्चा किन लोगों से मेलजोल बढ़ा रहा है सोशल मीडिया पर किन तरह के विडियोज देख रहा है और आजकल बच्चों के मानसिक विकास में सोशल मीडिया बहुत ही अहम भूमिका निभा रहा है तो पेरेंट्स को भी अपने बच्चों के पालन पोषण में अपने भूमिका को निभाए…।
लेखक: – साधना भूषण
Pic Credit: – AI Generator