जाने क्या होता है डिजिटल अरेस्ट

आज आपको बताते हैं कि क्या होता है डिजिटल अरेस्ट ।
जी हां डिजिटल लॉकर, डिजिटल सिग्नेचर, डिजिटल डिवाइड भी सुन लिया था लेकिन डिजिटल लॉकर अलग ही शब्द लगा सुनने में तो सोचा आपलोगों को भी बता दूं कि ये होता क्या है पहले जानकारी इकठ्ठी की उसके बाद आ गई डिजिटल कॉपी पेन लेकर अपने डिजिटल डिवाइस पर डिजिटल अरेस्ट के बारे में बताने ।

दरअसल पूर्व फेमिना मिस इंडिया साईबर ठगी का शिकार हो चुकी हैं और उन्होंने इस बात को लोगों के साथ शेयर किया ताकि बाकी लोग भी इस साइबर ठगी से बचे ।
साइबर ठगों ने खुद को बताया सीबीआई अधिकारी. ट्रांसफर होने के कुछ देर बाद ही निकाल लिए थे रुपये.

शिवंकिता दीक्षित 20l7 में मिस इंडिया बंगाल रह चुकी हैं ।
शाहगंज थाना के मानस नगर निवासी शिवांकिता दीक्षित एक मेकअप आर्टिस्ट और मॉडल हैं. शिवांकिता दीक्षित सन 2017 में फेमिना मिस इंडिया वेस्ट बंगाल रही हैं. शिवांकिता दीक्षित ने बताया की कैसे वो इस ठगी का शिकार हुईं .
जैसे जैसे सोशल मीडिया का क्रेज बढ़ रहा है वैसे ठग भी अपना बिजनेस सैटल करने में लगे है। ओर सीधे साधे भोले भाले लोगों को शिकार बनाते हैं ।

अब तो साइबर सेल जैसे जेल और साइबर क्राइम जैसे कोर्स भी हो गए हैं ।
लेकिन वो इतनी चालाकी से अपना काम करते हैं कि लोग कितने भी होशियार क्यों न हो उनके झांसे में आ ही जाते हैं ।
पूर्व फेमिना मिस इंडिया से 99 हजार रुपए ठग लिए वो तो कार्ड की लिमिट खत्म हो गई वरना उससे ज्यादा भी ठग सकते थें….।साइबर ठगों ने बताया कि सीबीआई अधिकारी हैं ये कॉल व्हाट्सएप पर आया था।

उन्होंने बताया कि आधारकार्ड से रजिस्टर नंबर से दिल्ली के HDFC bank में खाता खोला गया है । जिसमें मानव तस्करी , मनी लॉन्ड्रिंग और दो दर्जन से अधिक बच्चों के अपहरण के फिरौती की रकम जमा की गई है ।

व्हाट्सएप पर दी धमकी
उन्होंने बताया नकली अधिकारी बने शक्श ने कहा कि वो पुलिस की मदद करे पुलिस को गिरोह तक पहुंचने में उनकी सहायता की जरूरत है वरना करवाई की जाएगी ।और उनको जेल भी जाना पड़ सकता है

व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल किया था
व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल किया था कॉल करने वाले ने खाकी वर्दी पहनी थी । पीछे साइबर सेल भी लिखा था ।उनमे से एक महिला अधिकारी भी थी .
99 हजार करवाया ट्रांसफर
दो घंटे तक कमरे में ऑनलाइन बंद करके रखा किसी भी परिजन को आने से कर दिया मना। और डरा धमका कर पैसे निकलवाए।

दुबई में की शॉपिंग
एस पी लोहामंडी मयंक तिवारी ने बताया कि इन पैसों को दो मिनट के अंदर निकाल लिया लिया गया ।और दुबई में कई बैंक से ट्रांसफर होने के बाद लास्ट में उन पैसों से शॉपिंग हुई है ।
अभी पुलिस जांच में जुटी है कि ये कॉल किसने ओर कहां से किया था ।
एसपी ने कुछ उपाय बताए कि कैसे साइबर ठगी से बच सकते हैं
अंजान नंबर से बात करने वालों से भरोसा नहीं करें।
कभी किसी से कोई भी ओटीपी साझा न करें।
किसी अंजान के कहने पर रुपया न भेजें ।
मोबाइल पर कभी किसी को व्यक्तिगत जानकारी न दे
संदिग्ध कॉल की पुष्टि करें।

संदेह होने पर फोन कॉल को डिस्कनेक्ट कर दें।
तुरंत पास के साइबर पुलिस स्टेशन पर जाकर कंप्लेन करें।
1930 राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन पर जाकर ऑनलाइन कंप्लेन करे।
साइबर अपराध रिपोर्टिंग पर लोग इन करें ओर शिकायत दर्ज करें ।
आप अनुभव दूसरे के साथ शेयर करें ।
पुलिस और सीबीआई कभी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती ।

प्रधानमंत्री जी ने भी लोगों को साइबर अरेस्ट जैसे चीजों से कैसे बचे इसके बारे में बातचीत की थी अभी एक महीने पहले मेरे भाई के पास भी इस तरह का कॉल आया था ।लेकिन उसने अपने सूझ बूझ से खुद को बचा लिया । लेकिन पहले वो पैनिक हो गया था …।
Written by Sadhana Bhushan.. pictures generated by AI.By Sadhana Bhushan..sources Etv Bharat