तक्षशिला यूनिवर्सिटी
जानें क्या है तक्षशिला यूनिवर्सिटी का इतिहास ?

तक्षशिला, जिसे अब तक्सिला के नाम से जाना जाता है। यह पंजाब के रावलपिंडी जिले पाकिस्तान में स्थित एक प्राचीन प्रमुख शहर है। यहां दुनिया की पहली विश्वद्यालय स्थापित की गई थी। यह अपने समय में सभी यूनिवर्सिटी की जननी थी। यह वर्तमान जैसी विश्वद्यालय नहीं थी, बल्कि कई महान शिक्षकों का घर था। बता दें कि तक्षशिला को ‘कटस्टोन का शहर’ भी कहा जाता है। अपने समय में इसे कई राजाओं द्वारा शासित किया गया था, इस प्रकार इसमें कई बदलाव देखने को मिले। तो आइए जानते है तक्षशिला से जुड़े रोचक तथ्यों और उसकी हिस्ट्री।

बता दे कि, दुनिया का पहली यूनिवर्सिटी 700 बीसी में स्थापित की गई थी। शिक्षा का यह केंद्र पाकिस्तान में रावलपिंडी से लगभग 50 किमी पश्चिम में स्थित था। इसे हिंदू और बौद्ध शिक्षा का केंद्र माना जाता था। वही किसी भी शासक ने कभी भी तक्षशिला के कामकाज में हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं की। अच्छी बात यह है कि यहां कभी भी किसी छात्र को कोई फीस भी नहीं देनी पड़ी। क्योंकि यहां पर किसी चीज के बदले ज्ञान बेचे जाने पर नाराजगी जताई जाती थी।
आपको जानकर हैरत होगी कि तक्षशिला में आजकल की तरह कोई सिलेबस नहीं था। कई महान शिक्षकों ने यहां बड़ी संख्या में छात्रों को पढ़ाया है। छात्र को पूरी छूट थी, कि वो जिस शिक्षक की कक्षा में पढ़ना चाहता है, बैठ कर पढ़ सकता है। शिक्षक भी अपनी पसंद के आधार पर कितने भी छात्रों को पढ़ा सकते थे।

हालांकि, इस विश्वद्यालय में कोई सिलेबस नहीं था, लेकिन यहां की प्रवेश परीक्षा बहुत कठिन थी। हर 10 में से केवल 3 छात्र ही परीक्षा में पास होते थे। वही इस यूनिवर्सिटी में काफी अच्छी पढ़ाई होती थी।वही तक्षशिला विश्वविद्यालय में वेद, गणित, व्याकरण, राजनीति, समाज विज्ञान, राज धर्म, युद्ध, और कलाओं जैसी कई विषयों की पढ़ाई होती थी। जहां पढ़ने के लिए छात्रों को आश्रम में रहना पड़ता था। इस यूनिवर्सिटी में स्नातक होना उस समय में बेहद गौरवपूर्ण माना जाता था लेकिन पांचवी शताब्दी के उत्तरार्ध में हेफ्थलाइट आक्रमणों के बाद यह विश्विद्यालय आपन आकर्षण खोने लगा था।
Written by Pooja Singh.