ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन में अवैध पेड़ कटाई पर सुप्रीम कोर्ट सख्त – प्रति पेड़ ₹25,000 का जुर्माना!

सुप्रीम कोर्ट में संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन (TTZ) के भीतर अवैध रूप से पेड़ों की कटाई के लिए प्रति पेड़ ₹25,000 तक का जुर्माना लगाया। जिन किसानों ने अवैध रूप से छूट प्राप्त प्रजातियों के निजी पेड़ों को काटा है, उन पर प्रति पेड़ ₹5,000 का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही लकड़ी उन्हें वापस कर दी जाएगी।

गैर-किसानों द्वारा प्रतिबंधित प्रजातियों या छूट प्राप्त प्रजातियों को काटे जाने के मामलों में प्रति पेड़ ₹10,000 का शुल्क लगाया जाएगा, लकड़ी जब्त की जाएगी और अपराधी को काटे गए पेड़ों की संख्या से 10 गुना अधिक ब्लॉक प्लांटेशन के लिए धन देना होगा। साथ ही 5 साल तक रखरखाव भी करना होगा।

जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने यह आदेश इस बात पर गौर करने के बाद पारित किया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976 के तहत दंड बढ़ाने पर विचार करने के अपने पहले के निर्देश पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया। अदालत ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण से संबंधित एमसी मेहता मामले की सुनवाई कर रही थी।

पिछले साल नवंबर में न्यायालय ने यूपी सरकार से 1976 के अधिनियम में संशोधन करने का अनुरोध किया था, जिसमें अधिनियम की धारा 10 (₹1,000 का जुर्माना) और 15 के तहत अवैध रूप से पेड़ों की कटाई के लिए दंड की अपर्याप्तता को चिन्हित किया गया और निवारक के रूप में कार्य करने के लिए उन्हें बढ़ाने का सुझाव दिया।
साभार: लाइव लॉ हिंदी
रजत रंजन के द्वारा
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