फारुख अब्दुल्ला रह चुका है जेकेएलएफ के सदस्य

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला पर लगा संगीन आरोप। जेकेएलएफ का सदस्य रह चुका है। कश्मीर नरसंहार में संलिप्त रह चुका है।
क्या है जेकेएलएफ –
जेकेएलएफ का मतलब जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट है। जो एक अलगाववादी संगठन था। इसकी नींव अमानुल्लाह खान और मकबूल भट्ट ने रखी थी। यह संगठन मुख्य रूप से प्लेबिसाइट फ्रंट की आर्मी शाखा थी। लेकिन, साल 1977 में बर्मिंघम (इंग्लैंड) में इसका नाम बदलकर जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट किया गया था।

जेकेएलएफ का उद्देश्य –
जेकेएलएफ का तीन उद्देश्य था – राजनीतिक – इसके माध्यम से लोगों को इकट्ठा किया जाता था। कूटनीतिक – इसके माध्यम से दूसरे देशों से मदद लेना। और जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना से सशस्त्र संघर्ष करना
जेकेएलएफ के लिए फारुख अब्दुल्ला का योगदान –
अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर में मुस्लिम युवकों को भारतीय सेना और हिंदुओं के खिलाफ भड़काते थे। मुख्य रूप से वैसे युवाओं को केंद्रित किया जाता था, जिन्हें खाने-रहने की दिक्कत होती थी। ऐसे युवक पैसों की लालच में अब्दुल्ला का कहना मान कर कश्मीर में आतंक फैलाते थे। यहां तक कि वो भारतीय गृह मंत्रालय से पैसा लाता था। और उन पैसों को अलगाववादी युवाओं में बांट दिया जाता था। और जब ये सब हो रहा था, तब केंद्र में कॉंग्रेस की सरकार थी। इस सरकार का अब्दुल्ला को मुख्यमंत्री बनाने में बहुत बड़ा योगदान था। क्योंकि, कॉंग्रेस भी वही चाहती थी, जो अब्दुल्ला कर रहा था।
लेखक – अभिषेक ठाकुर के कलम से