महाभारत में रथों पर लगा वो ध्वज हो या फिर रामायण में श्री राम का वो वस्त्र या फिर शिवाजी के वो ध्वज का रंग, हर कुछ भगवा, लेकिन भगवा हिन्दू धर्म में आया क्यों?
ऋग्वेद का एक श्लोक है, ‘ॐ अग्निमीले पुरोहितं यज्ञस्य देवमृत्विजम् । होतारं रत्नुधातमम्’ ।।

श्लोक का अर्थ है कि वो अग्नि जो कि ब्रह्माण्ड के वर्णन से पहले है और ब्रह्मांड के खत्म होने के बाद तक रहेगा, वो जो एक ऊर्जा है, उसको मैं पूज रहा हूँ और वहीं से आता है भगवा का सिद्धांत (Concept), कैसे?

अग्नि में 2 रंग ज्यादातर आपको दिखाई देंगे, एक नारंगी और एक पीला, नारंगी यानी कि तेज़ का रूप और पीला होता है ठंडक का, तो जब इस तेज़ और इस ठंडक को मिलाते हैं, तो बनता है भगवा। इसलिए ऋषियों मुनियों ने ये कहा कि भगवा वो रंग होगा जो सनातन धर्म को प्रतिनिधित्व करेगा, हिन्दू धर्म को प्रतिनिधित्व करेगा।

प्रस्तुत:- रजत रंजन
Follow me on Instagram- @therajatranjan
Follow us on Instagram- @SadhanaSources