सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव रिकॉर्ड के सार्वजनिक प्रकटीकरण पर प्रतिबंध लगाने वाले चुनाव नियमों में संशोधन को चुनौती पर नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने Conduct of Elections Rules, 1961 में संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार और भारत के चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया, जिसमें चुनाव संबंधी रिकॉर्ड तक लोगों के अधिकार को प्रतिबंधित करने की मांग की गई। यह याचिका अंजलि भारद्वाज द्वारा दायर की गई, जो एक RTI एक्टिविस्ट हैं।

चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया (सीजेआई) संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा इसी तरह की लंबित चुनौती के साथ याचिका में नोटिस जारी किया। याचिका में कहा गया कि Conduct of Election Rules, 1961 के नियम 93 (2) (a) में किया गया 2024 का संशोधन मतदाताओं के सूचना के मौलिक अधिकार पर अनुचित प्रतिबंध लगाता है, क्योंकि यह नियम 93 (1) के तहत disclosure से पहले से ही छूट प्राप्त रिकॉर्ड से परे नए प्रतिबंध लगाता है।

याचिकाकर्ता का तर्क है कि संशोधन के माध्यम से, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और सीसीटीवी फुटेज, पीठासीन अधिकारी की डायरी और रिटर्निंग अधिकारी की डायरी आदि सहित चुनाव अधिकारियों द्वारा बनाए जाने वाले विभिन्न रिपोर्ट और डायरियों सहित सभी चुनावी रिकॉर्ड तक पहुंच पर प्रतिबंध लगाया गया।

इस प्रकार संशोधन से पहले सार्वजनिक निरीक्षण के लिए सीसीटीवी फुटेज और अन्य चुनावी अभिलेखों की आपूर्ति संभव थी।
साभार: लाइव लॉ हिंदी
By: Rajat Ranjan
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