सौ वर्ष पूर्ण होने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने निकाली भव्य, ऐतिहासिक पथ संचलन
सौ वर्ष पूर्ण होने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने निकाली भव्य, ऐतिहासिक पथ संचलन
बनमनखी (पुर्णियाॅ) अनुमंडल अंतर्गत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सौ वर्ष पूर्ण होने पर स्वयंसेवकों ने पुर्ण गणवेश मे बनमनखी के राजहाट स्थित सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल से पथ संचलन प्रारंभ कर बनमनखी बाजार के विभिन्न चौंक चौराहे का भ्रमण कर पुनः सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय मे बौध्दिक और प्रार्थना कर पथ संचलन संपन्न हुई। बौध्दिक कर्ता के रूप मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तर बिहार प्रांत के सेवा प्रमुख राजाराम जी ने उपस्थित स्वयंसेवकों से कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक का स्थापना 1925 को विजयादश्मी के दिन हुआ था और आज हमलोग वर्ष 2025 के विजयादश्मी को पार कर लिए हैं ऐसे मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का 100 वर्ष पुर्ण हुई है लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने इस सो वर्ष पूर्ण करने के दौरान कई प्रकार के चुनौतियों को झेला है पर कभी भी अपने उद्देश्य से डगमगाया नही बल्कि और मजबूती से आगे बढ़ते गया जिसका सुखद परिणाम आप सबके सामने है। प्रचारक राजाराम ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सौ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य मे आगामी एक वर्ष तक कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम होंगे जो मंडल स्तर से प्रारंभ होकर राष्ट्रीय स्तर तक चलेगा लेकिन अंत मे फिर अपने स्वयंसेवकों के द्वारा लगाए जाने वाले शाखा पर ही विशेष ध्यान केंद्रित कर एक स्वयंसेवक एक शाखा प्रारंभ किया जाएगा।
इस पथ संचलन के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाह दीपक कुमार, जिला व्यवस्था प्रमुख सतीश कुमार, जिला महाविद्यालयीन छात्र कार्य प्रमुख शशि शेखर कुमार, खंड कार्यवाह अमित कुमार, नगर कार्यवाह नीरज आनंद, धमदाहा खंड कार्यवाह हितेश गांधी, मुन्ना कुमार, रंजीत कुमार गुप्ता, गुड्डू चौधरी, दुर्गानंद सिंह, रवि शर्मा, कृष्ण कुमार ॠषि, संतोष चौरसिया, अमितेश सिंह, मंटू दास, दिलीप झा, अनील दास, विशाल कुमार, साजन कुमार, प्रह्लाद कुमार अमर, विजय पासवान, दीपक कुमार, अमित कुमार, नवनीत विश्वकर्मा, प्रदीप कुमार सिंह, रमेंन्द्र कुमार, निलोत्पल कुमार सहित सैकड़ो स्वयंसेवक शामिल हुए एवं इस पथ संचलन मे घोष बजाने का कार्य सरस्वती शिशु मंदिर के छोटे छोटे भैया ने किया और विद्यालय के सचिव गणेश मंडल, प्रधानाचार्य एवं सभी आचार्यों ने व्यवस्था को सुदृढ बनाने का कार्य किए।
