न्यूज़ देख रही थी एक न्यूज़ पर नजर जाकर ठहर सी गयी . बुरा नहीं लगा कुछ चुभ सा गया . कुछ रुक सा गया . न्यूज़ कुछ इस तरह से था .
सराय काले खा का नाम बदल कर विरसा मुंडा रख दिया गया गया है ।
केंद्र सरकार ने एक और नाम बदल दिया ।बहुत अच्छी बात है विरसा मुंडा
ने आदिवासी समाज के लिए बहुत कुछ किया है ।
आदिवासी समाज के लिए गर्व का पल केंद्र सरकार ने किया ऐलान।
अच्छी न्यूज थी ।
प्रयागराज नाम तो सुना ही होगा नया नाम है इलाहाबाद का हांजी नामकरण हुआ है इलाहाबाद का क्योंकि इसमें दूसरे धर्म की बू आती है …।
झांसी का नाम बदलकर कुछ वीरांगना करके रख दिया गया है ।नाम बदलने का खूब प्रचलन चल रहा है । चमचे भी खूब प्रशंसा कर रहे हैं।
की सनातन धर्म की विजय हो रही है ।हिंदूधर्म का प्रचार प्रसार
नाम बदलने से क्या होगा जब तक काम की बातें नहीं करोगे देश से बेरोजगारी हटाने की बात नहीं करोगे ।देश कैसे तरक्की करेगा इन सब बातों की कहीं चर्चा नहीं हो रही।किसी को मतलब नहीं सब बस अपनी बातें कैसे मनवाएं।अपनी सरकार कैसे चलाएं इन सब बातों में लगे रहते हैं।
धर्म के नाम पर रोटी कैसे सेंक सके इसी जोह में लगे रहते हैं।
एक दूसरे को कैसे आपस में लड़ाई कराएं ।
कैसे लाल और हरे रंग के बीच मतभेद हो ।
कैसे भगवान अच्छा और अल्लाह बुरा इस फेर में लगे रहते हैं ।
मैने भी पढ़ा मन पढ़ कर व्यथित हो गया ।
इसलिए नहीं कि नाम मुस्लमान से हिंदू हो गया ।
इसमें क्या है नाम पहले हिन्दू होगा फिर जब मुगलों ने देश पर शासन किया तो नाम बदल दिया होगा ।ये बहुत ही साधारण सी बात है …/
अभी कुछ दिन पहले सुना की जाने कौन से मस्जिद की सीढ़ियों की खुदाई कराएँगे ..निचे मंदिर के होने की आशंका है .. बताइए अगर हो गया तो कौन सी अलग बात हो गयी .. हमारा इतिहास हजारों साल पुराना है .. कई तरह के लोग आयें .. उन पर मुग़ल भी थें मंदिरों को तोडा मस्जिद बनवाया …अब हम उस मस्जिद को तोड़ कर मंदिर निकालेंगे … तो इस बात से साबित होगा की हम सनातनी है हमारे पूर्वज हिन्दू थे अगर कोई नाम उन्होंने रखा है तो उसको वापिस बदलकर ही हम हिन्दू हो सकते हैं क्या …क्या हम इतने कमजोर हैं.. आप अपने दिल पर हाथ रख कर सोचिये जरा.. ये सब वोट बैंक का एक तरीका है उसको तोडना फिर साबित करना हिंदुत्व को ….क्या हमारा हिन्दू धर्म इस बात पर निर्भर करता है … श्री राम आज से नहीं है रामायण में लिखी एक बात भी असत्य नहीं है ये बात श्रीलंका तक को पता है की श्री राम की छवि और उनके द्वारा किये गये कार्य उनके पदचिन्ह अभी भी जीवित है और लोग उनके नाम पर अपने वोट बैंक को जिन्दा रखने की कोशिश में लगे रहते हैं … अभी भी अप मिथिला के पुनौरा धाम जाते हैं तो वो तालाब मौजूद है जिससे सिया माता की उत्पत्ति हुई थी.. उसके बाद जनकपुर धाम जाने पर जानकी माता के पिता का धाम है … आप थोडा अंदर आयेंगे तो आपको गौतम ऋषि जिस कुंड में स्नान करते थे वो भी अहिल्या कुंड मौजूद है लोग जाते हाँ अभी पिछले साल भी मैं गयी थी … और भी कितने चीजें हैं लेकिन नहीं हमें तो बस फसाद उखड़ना है … कलेश करवाना है … दो पक्षों में लड़ाई लगवानी है बस …
केंद्र सरकार को वैसे दिल्ली से कोई मतलब नहीं लेकिन नाम बदलने में बहुत मजा आता है ।…
दिल्ली की हवा जहरीली है ये जग जाहिर है …उसमें कैसे सुधार होगा कोई चिंता नहीं समझे वहां के मुख्यमंत्री …मुख्यमंत्री को क्या बिजली पानी फ्री कर दिया सरकार तो उन्ही की बनेगी
…युमना में पानी के बदले झाग चल रहे हैं ..अंधेर नगरी चौपट राजा वाली बात चल रही है…

बातें करनी है तो रोजगार कैसे आएगा ..देश तरक्की कैसे करेगा .. हम राम की भूमि पर जन्म लिए लेकिन बुद्ध भी तो यंही जन्मे ..उनके बारे में भी तो युवा को बताइए .. और हमें कोई क्यूँ बतेयागा हम अपनी सूझ बूझ से क्यूँ काम नहीं करेंगे .. सरकारें तो आती जाती रहती हैं …. उनका क्या हैं लडाई करवाएंगी रोटी सेकेंगी … हम कैसे रहेंगे ये हम सोचेंगे ….सरकार का काम ये नए नए योजना लाये देश का आर्थिक विकाश कैसे होगा आम आदमी तक लाभ कैसे पहुचें न की बस बाटने की बात करें .. आजकल क्या चल रहा है बटोगे तो कटोगे क्यूँ अपनी सूझ बुझ नहीं है… बांग्लादेश का उदाहरन दिखाने लगते हैं लोग … जब तक लोग अपनी सूझ बुझ से चलेंगे …तब तक कोई दंगा नहीं होने वाला कोई फसाद नहीं होने वाला …सब अपने अपने के हिस्स्से की जिम्मेदारी ले लें तो देश क्या दुनियां भी स्वर्ग बन जायेगी …/
ये लेखक के स्वंय के विचार है …
लेखक – साधना भूषण ..