बांग्लादेश हिंसा

बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हिंसा ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही
बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रही हिंसा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इस हिंसा में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। सैकड़ों लड़कियों और महिलाओं का सामूहिक बलात्कार हुआ है।
इस घटना के तार सीधे तौर पर शेख हसीना से जुड़े हैं। बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर छात्रों का आंदोलन हिंसक रूप ले चुका था। प्रधानमंत्री शेख हसीना से इस्तीफे की मांग तेज होने लगी। यहां तक की कुछ समय बाद छात्रों के लोग आम नागरिक भी छात्रों के समर्थन में हिंसा करने लगे।

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शेख हसीना ने लिया भारत में शरण

अंततः स्थिति ऐसी हो गई कि शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़ कर भारत में शरण लेना पड़ा।

इसके कुछ समय बाद बांग्लादेश के प्रो. मो. युनुस को जिनको नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था । फिर मो. युनुस ने अंतरिम सरकार में मुख्य सलाहकार का पद संभाला।
मो. युनुस के पद संभालते ही सब कुछ सामान्य हो जाएगा। ऐसा अंदेशा था। लेकिन कुछ भी सामान्य नहीं हुआ।

इस्कॉन मंदिर को तोड़ कर लगा दी आग
वहां इस्कॉन मंदिर को तोड़ कर आग लगा दी गई। जिस कारण वहां की सभी मूर्ति और सामान जल गया। वहां के पूजारी चिन्मय दास, आदि पुरुष श्याम दास और रंगनाथ श्यामा को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। इनका दोष केवल इतना है कि ये सभी हिन्दू हैं।
वर्तमान में बांग्लादेश में तिलक लगाना, गीता बांटना, हरे रामा-हरे कृष्णा का जाप करने पर पाबंदी लगा दी गयी है .

भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना पर लिया संज्ञान
भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए मो. युनुस से अपील करते हुए कहा कि स्थिति को सामान्य बनाया जाए। जिससे वहां लोग शांतिपूर्ण तरीके से रह सकें।
लेखक -पत्रकार अभिषेक ठाकुर- 9241474055