सास के सांस के लिए बहू ने छोड़े अपने सांस
उदयपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है ।
अक्सर हम देखते आएं हैं कि सास और बहु की जल्दी बनती नहीं और कभी कभी नोक झोंक तो कभी तीखी तकरार होती रहती है और कभी कभी मामला कोर्ट तक भी पहुंच जाता है ।
लेकिन उदयपुर से हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है ।
जिसमें सास के देहांत के बाद बहु को इतना सदमा लगा कि रोते रोते उसने अपनी जान गंवा दी ।
दरअसल जब सास ने आखिरी सांस ली तो बही लिपट लिपट कर रो रही थी और वो अचानक से बेहोश हो गई ।
जब वो होश में नहीं आई हजार कोशिशों के बाद तो उसको अस्पताल ले कर गए जहां उसको मृत घोषित कर दिया गया फिर दोनों की चिता को एक साथ ही जलाया गया ।
ये अपने आप में एक अनोखा मामला होगा क्योंकि बहू हमेशा चाहती है कि सास कब मरे और अगर सास उसके मरने की प्रतिक्षा न करे तो उसके दुखी होने के कारण तो अवश्य ही ढूंढती है ।
हो सकता है मेरी बातें बहुत से लोगों के सहमति का कारण न बने लेकिन सास और बहू दोनो की जोड़ी में प्यार और अपनापन बहुत कम घरों में देखने को मिलता है कभी बहू तेज तो सास कमजोर जहां सास तेज तो बहू कमजोर ये कोई जंग का मैदान नहीं लेकिन लोग समझते कब हैं छोटी सी जिंदगी और उसमें भी कलह क्लेश करना । और जिस घर में दोनों शांत वो घर स्वर्ग जिस घर में दोनों तेज वो घर सीधा नर्क ।
और जब आप इस तरह की खबर पढ़ लें सास के सांस के लिए बहू ने छोड़े अपने सांस मेरे लिए तो बहुत सारी संवेदना है उनके लिए उनके परिवार के लिए जाने कितनी पीड़ा से परिवार गुजर रहा होगा घर में छोटे बच्चें होंगे l
प्यार दुलार करने वाले एक साथ दो लोग चले गए मां और दादी दोनों जो घर को संभालती थीं दोनों चली गई बहुत दुख की बात है भगवान उस घर के लोगों को हिम्मत देना और शक्ति देना ताकि बुरे वक्त को वो काट सके ।
मेरे शब्द किसी को बुरे लगे हो तो मैं हृदय से माफी चाहूंगी लेकिन बात दो रिश्ते की हो रही थी सास और बहू का रिश्ते जो मुझे लगता है मीठेपन का नहीं था है हो सकता है किसी का हो मेरा तो नहीं है है खैर मेरे घर के लोग मुझे पढ़ते नहीं तो लिखने में कोई दिक्कत नहीं है । और मेरी सास सामने से तो सुनती है नहीं पढ़ेंगी क्या कभी नहीं ।
यानी कि मैं भी भुक्तभोगी ही हूं दुनिया भर की बातें लिख दूं सबके राइट्स बता दूं पर अपनी कभी नहीं अपने सास को बता सकती हूं । मेरे चैनल की रैंकिंग बढ़ जाएं लेकिन उनके लिए जीरो ही हूं खाना कितना भी टेस्टी बना दिन जब तक पेट में हैं तब तक तो ठीक जब खेत में गया तो बेकार खाना बनाती हूं ।
क्या सब दुख लिखूं कहूं छोड़िए भगवान उन दोनों सास बहू की आत्मा को शांति दें ।
अब आप ये मत सोचिएगा की अपना चैनल है तो अपना ही दुःख लिख दिया इस तरह का दुख तो हर सास बहू को होता है बस मैं थोड़ी ज्यादा सीरियस हो गई।