कबूतरों से परेशान दिल्ली
दिल्ली में इन दिनों हर कोई सर्दी से परेशान है, बिना यह जाने कि आसपास के अनेक इलाकों में कबूतरों की आबादी भी बहुत तेजी से बढ़ रही है। और अब यह दिल्ली में गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है l दिल्ली सरकार कबूतरों को दाना खिलाने पर भी प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है।

MCD (Municipal Corporation of Delhi) पक्षियों के मल से स्वास्थ्य को होने वाले खतरे के कारण कबूतरों को दाना खिलाने वाले स्थानों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार किया जा रहा है। यदि इसे मंजूरी मिल जाती है, तो फुटपाथ, गोल चक्कर और सड़क चौराहों पर पाए जाने वाले आम दाना खिलाने वाले क्षेत्रों को बंद किया जा सकता है।

लेकिन अभी भी बहुत से लोग इस मुद्दे से अनजान है और वे लगातार अपनी बालकनी या छतों पर कबूतरों को दाना खिला रहे है l प्रत्येक कबूतर प्रतिवर्ष 12-15 किलोग्राम बीट उत्पन्न करता है, तथा अनुमान है कि दिल्ली में लगभग 20-25 मिलियन कबूतर पर्याप्त मात्रा में प्रदूषण उत्पन्न करते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि उनकी बीट में हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं, जिनमें शामिल हैं साल्मोनेला, जो संभावित रूप से विभिन्न बीमारियों का कारण बन सकता है और इन मल के संपर्क में आने से इनमें मौजूद रोगाणुओं के कारण गंभीर श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

Written By: – Neha Jha
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