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जानिए क्या होता है honour killing और क्या हुआ बिहार की तन्नू झा के साथ

पहले जब honour killing ka मामला सामने आता था तो मैं सोचा करती थी क्या होता है honour kiling क्या इसमें पिता को मार देतें हैं घर के मालिक को मार देते हैं या जो बच्चे मां बाप की मर्जी के बगैर काम करते हैं उनको मार देतें हैं सही से समझ ही नहीं पाती थी ।फिर मैने श्री देवी की लाडली बिटिया की डेब्यू मूवी धड़क देखी जिसमें उन्होंने मां बाप की मर्जी के बग़ैर शादी की और तिनके तिनके जोड़ के आशियाना बनाती हैं और बाद में जब पिता जी को या उनके भाई को इसकी भनक लगती हैं तो बच्चे से मिलने के बहाने आते हैं और दोनों हसबैंड वाइफ को गोली से भून देते हैं दोनों या अकेले अपने ठीक से climax याद नहीं ।लेकिन उस दिन hounar killing ka मामला समझ में आ गया ।की अगर बच्चे प्रेम विवाह करते हैं और मां बाप की मर्जी शामिल न हो तो उसमें अगर बाप या भाई ने उनमें से किसी को मार दिया तो ये मामला कहलाएगा और पूरी रिसर्च के साथ मूवी बनाई गई थी की साल भर में किस राज्य में कितनी इस तरह की हत्याएं होती हैं ।ऐसा ही बिहार से एक मामला सामने आ रहा है ब्राह्मण लड़की ओर मंडल लड़का दोनों दरभंगा के डीएमसी एच में साथ में पढ़ाई करते थे और दोनों को एक दूसरे का साथ इतना पसंद आया कि दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया ।ये बात मंडल फैमिली शायद पचा गई। क्योंकि उनका इकलौता बेटा जो कि शायद डॉक्टर बन चुका था और ब्राह्मण की बेटी जिसको जाती वर्ण के अनुसार सबसे श्रेष्ठ माना जाता है लड़के ने उस वर्ण में जाकर प्रेम विवाह करने का निर्णय किया उसने अपनी जाती से निचली जाती की लड़की से प्रेम नहीं किया था तो उतनी इज्जत शायद नहीं जा रही थी और लड़की भी शायद डॉक्टर ही थी तो घाटे का सौदा कहीं से नहीं लग रह होगा ।उधर तन्नू झा एक तो ब्राह्मण ऊपर से मैथिल ये बात उनके पिता हजम नहीं कर पा रहे थे । शादी ठीक 5 मई को हुई और 5 अगस्त को उन्होंने कहीं से देशी कट्टे का जुगाड़ किया और पहुंच गए DMCH उन्होंने मेडिकल कॉलेज के गेट पर जाकर अपने दामाद को गोली मार कर हत्या कर दी ।मंशा शायद बेटी को भी मारने की थी लेकिन तब तक भीड़ ने आकर उनको घेर लिया और उनको अधमरा कर दिया । तब तक शायद तन्नू के दोनों भाई ने मिलकर बंदूक अपने हाथ में ले लिया ताकि हाथों के निशान यानी कि सबूत मिट जाए फिलहाल तन्नू के पिता का ईलाज पटना के किसी हॉस्पिटलमें चल रहा है।उधर राहुल मंडल अपनी बीबी की तरफ भगा जिसे गोली सीने में लग चुकी थी और वहां उसने उसके गोद में ही दम तोड़ दिया ।अब ये मामला तूल पकड़ रहा है और आग की तरह सोशल मीडिया की गलियों में फैल रहा है ।तन्नू झा अब अपने ससुराल पहुंच चुकी हैं वो चीख चीख के कह रही हैं कि मेरे पापा मेरे भाई दादी मम्मी और दादी जीजा जी और दीदी सबने मिलकर साज़िश के तहत मेरे पति को मार दिया ।मुझे न्याय चाहिए मैने कोर्ट में लिखकर दिया था कि हमारी जान को खतरा है लेकिन किसी ने इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया था मेरे बाप को ब्राह्मण होने का कीड़ा था उसको घमंड था ये बात वो पचा ही नहीं पाया। और मुझे विधवा बना दिया।अब चर्चा का विषय ये है कि लोग अपने अपने विचार प्रगट कर रहे हैं। लगभग 90 प्रतिशत लोग पिता से सहमत है ।कोई कह रहा है सही किया दो चार पिता इस तरह करेंगे तो बच्चे इस तरह गलती नहीं करेंगे ।ज्यादातर तो जबशी ही दे रहें हैं ।फिर कोई ये कह रहा की मुस्लमान से कर ले तो बढ़िया लेकिन हिंदू में दूसरे जाती में नहीं करने देंगे।एक या दो लोग ही ये बात कह रहें कि हम कौन होते हैं मौत के घाट उतारने वाले फांसी की सजा तो होगी ही।लेकिन मैं हैरान हूं ये देखकर हम कौन सी सदी में जी रहें हैं लोग चांद पर जमीन खरीद है और हम नफ़रत खरीद और बांट रहे हैं ।पहले हम तन्नू झा की बात करें मुझे नहीं पता उसने किन परिस्थितियों में शादी की मां बाप को कैसे नहीं convince नहीं कर पाई । और उन्होंने किन परिस्थिति में उसके पढ़ने लिखने का इंतजाम किया होगा। दूसरा पहलू उसके पिता जी का … मैं भी मिथिला से ही हूं उधर आज भी दूसरे जाती में विवाह कर लिया तो बहुत बड़ी बात हो जाती है बच्चें अगर अपनी मर्जी से दूसरे जाती में विवाह का सोचना मतलब गांव निकाला हो जाता है दाना पानी बंद।हालांकि अब ये बातें थोड़ी कम हो गई हैं । जो लोग मिथिलांचल से बाहर हैं तो उनके बच्चे कुछ इधर उधर करें तो चल जाता है लेकिन मिथिला के गांव में रहकर तब कोई मां बाप बर्दाश्त नहीं करना चाहेगा क्योंकि गांव के पंचायत में अगर किसी की बेटी या बेटे ने शादी कर ली हुई होगी तो सबसे ज्यादा मजाक इन्होंने ही उड़ाया होगा।फिर अपनी नाक जब अपने ने ही कटवा दी हो तो कैसे बर्दाश्त करते इसलिए चल दिये गोली मारने।लेकिन गोली मारने से पहले ये नहीं सोचा कि उनके बाद उनके परिवार वालों का क्या होगा ।बेटी का सुहाग उजाड़ कर क्या वो खुश रह पाएगी या किसी को गोली मारकर वो खुश रह पाएंगे ।दोनों परिवार कोर्ट केस में फंसकर जूते घिसते रहेंगे और पैसे गए अलग ।अगर बेटी ने नाम हंसा दिया तो हो गई न हंसी कर लिया न मनमानी उसको उसके साथ रहना था आपको नहीं पसंद तो छोड़ देते उसके हाल पर उसको ।अब किसको क्या मिला उसने जब तलक शादी की थी तो थोड़ी सी बदनामी हुई थी लोगों का क्या है बातें तब तक ही करते हैं जब तक नई बात न आ जाए फिर पुरानी बात को भूल जाते हैं।आप भी भूल जाते आपकी कोई बेटी है आपका परिवार आपके साथ तो रहता ।अब आप रहिएगा जेल में क्या पता आपको उम्र कैद हो फांसी हो आपकी बीवी आपके रहते विधवा की जिंदगी गुजारेगी। जैसे आपकी बेटी गुजारेगी किस्मत का खेल जिस बेटी के लिए आपने न जाने कितने सपने देखे होंगे।लोग बहुत होशियार कह रहे हैं हैं आपको मुझे यकीन है न आप उनके कमेंट पढ़ने के लायक हैं न मेरे खैर उन सभी माता पिता के लिए एक संदेश जब आपके बच्चे बड़े हो जाते हैं घर से हाइयर स्टडी के लिए निकलते है फिर उन्हें अपने साथ स्टडी करने वाला एक जैसा लगने लगता होगा कोई जात पात नहीं दिखता होगा और हो जाता होगा अटैचमेंट।लेकिन इसके लिए जरूरी की आप अपने बच्चों। के touch में रहिए उनके अच्छे दोस्त बनकर दुनिया में क्या ग़लत है क्या सही है। उनको समझाते रहिए और सही और गलत का फर्क बताते रहिए और क्या है ।जो होना होता है हो ही जाता है अब इस case में देखिए पूरा दो परिवार अच्छे तरीके से बर्बाद हो गया मिला क्या किसी को कुछ नहीं।तो समय के हिसाब से चलना चाहिए ।जाती दो प्रकार की होनी चाहिए अच्छी और ग़लत बस ।

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