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गगनयान मिशन ने रचा इतिहास

written by AI

edited by Sadhana bhushan

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news sources hindustan times

-आईएडीटी-01 टेस्ट सफलनई दिल्ली, 25 अगस्त 2025 – भारत के महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान ने रविवार को एक और बड़ा मील का पत्थर हासिल किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सफलतापूर्वक Integrated Air Drop Test (IADT-01) को अंजाम दिया।

इस टेस्ट का मकसद था गगनयान मिशन के लिए बनाए गए पैराशूट आधारित deceleration system की जाँच करना, जो अंतरिक्ष यान के पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी के लिए बेहद अहम है।

कैसे हुआ परीक्षण ? टेस्ट के दौरान एक चिनूक हेलीकॉप्टर ने क्रू मॉड्यूल सिमुलेटर को हवा से छोड़ा। इसके बाद मॉड्यूल ने पैराशूट के जरिए सुरक्षित लैंडिंग की प्रक्रिया पूरी की। यह प्रयोग सफल रहा और ISRO ने पुष्टि की कि पैराशूट सिस्टम उम्मीद के मुताबिक कार्य कर रहा है।

क्यों है यह टेस्ट ज़रूरी?

गगनयान मिशन का लक्ष्य है भारत के अंतरिक्ष यात्रियों (गगननॉट्स) को स्वदेशी तकनीक के साथ अंतरिक्ष में भेजना। इस दौरान मॉड्यूल की सबसे चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया उसकी वापसी और सुरक्षित लैंडिंग होती है। पैराशूट आधारित deceleration system यह सुनिश्चित करता है कि अंतरिक्ष से लौटते समय क्रू मॉड्यूल धीरे-धीरे उतरकर समुद्र या ज़मीन पर सुरक्षित उतरे।अगला कदमISRO आने वाले महीनों में गगनयान मिशन के अन्य महत्वपूर्ण परीक्षण करेगा। उम्मीद है कि 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में भारत अपने पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन को लॉन्च करेगा। यह उपलब्धि भारत को दुनिया के चुनिंदा देशों – अमेरिका, रूस और चीन – की श्रेणी में खड़ा कर देगी, जिन्होंने इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा है।

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