बारिश भी नहीं रोक पाई इनकी आस्था
आज 14 अगस्त को हल शष्ठी व्रत मनाया जा रहा है, जो भगवान बलराम की जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह व्रत महिलाओं द्वारा अपने बच्चों की सेहत और सुरक्षा के लिए रखा जाता है। इस व्रत के दौरान, महिलाएं भगवान बलराम,छठी मैया, देवी पार्वती और भगवान गणेश की पूजा करती हैं।*
हल शष्ठी व्रत के नियम और महत्व*- हल शष्ठी व्रत के दौरान, महिलाओं को हल से जोते हुए अनाज और गाय के दूध से बने उत्पादों का सेवन नहीं करना चाहिए।- इस व्रत के दौरान, महिलाएं सिंघाड़ा या महुआ के आटे से बने व्यंजन, तिन्नी चावल, भैंस का दूध, दही और घी खा सकती हैं।- हल शष्ठी व्रत का महत्व भगवान बalaram की जयंती के रूप में है, जो भगवान कृष्ण के बड़े भाई थे।- इस व्रत को रखने से बच्चों की सेहत और सुरक्षा में सुधार होता है।
*पूजा विधि और मुहूर्त*- हल शष्ठी व्रत की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 14 अगस्त को सुबह 4:23 बजे से 15 अगस्त को सुबह 2:07 बजे तक है।- इस व्रत की पूजा के दौरान, महिलाओं को भगवान बalaram, छठी मैया, देवी पार्वती और भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए।यह व्रत महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जो अपने बच्चों की सेहत और सुरक्षा के लिए इस व्रत को रखती हैं।¹