Bihar Viral Video में पोस्टिंग से नाराज़ KV Teacher, MP Shambhavi Chaudhary ने मांगा सस्पेंशन

ये दीपाली शाह है, बिहार के केंद्रीय विद्यालय की प्राइमरी टीचर। यह बिहार में हुई अपनी पहली पोस्टिंग से नाराज़ हैं, नाराज़ इस कदर की केंद्रीय विद्यालय के मोड ऑफ कंडक्ट को ताक पर रखते हुए इन्होंने बिहार के लोगों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए एक वीडियो बना दिया। हालांकि जब तक यह इस वीडियो से होने वाले एक्शन का आकलन कर पाती तब तक वीडियो सोशल मीडिया के जरिए लाखों आँखों से गुजर चुका था। कुछ देर बाद दीपाली ने अपने अकाउंट से वीडियो डिलीट कर दिया, लेकिन सोशल मीडिया यूजर ने वीडियो सेव कर लिया। अगले कुछ घंटों में वीडियो वायरल था। इसी के साथ दीपाली के निलंबन (Suspension) का आदेश भी आ गया।

आखिर इस वीडियो में दीपाली ने ऐसा क्या कहा था कि उन पर यह कार्यवाही हुई, विस्तार से बताते हैं — मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दीपाली पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैं, कुछ वक्त पहले इनकी नियुक्ति केंद्रीय विद्यालय में बतौर प्राइमरी टीचर हुई थी, और पहली पोस्टिंग मिली बिहार के जहानाबाद। दीपाली प्राइमरी क्लास में इंग्लिश पढ़ाने लगी, दीपाली जहानाबाद में अपने पोस्टिंग को लेकर नाखुश थी, उन्होंने दो वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट की, वीडियो में उन्होंने बताया ‘मुझे अपनी पहली पोस्टिंग हमेशा याद रहेगी। मैं कोलकाता, उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश यहां तक कि लद्दाख भी जाना पसंद करती जहां कोई नहीं जाना चाहता, लेकिन बिहार कभी नहीं।’

दीपाली अपनी वीडियो में बिहार के लोगों के लिए आपत्तिजनक शब्द और गालियां देती नज़र आ रही थी, उसके बाद यह वीडियो डिलीट कर दिए, और तब तक यह वायरल हो गया था। वीडियो वायरल होने पर सोशल मीडिया यूजर्स ने दीपाली के कहे पर खासा नाराजगी जताई, कई यूजर्स ने बिहार के लोगों का अपमान मान कर इस पर प्रतिक्रिया दी। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय विद्यालय ने शिक्षिका का निलंबन कर दिया है। पटना में केंद्रीय विद्यालय संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय ने इस मामले पर एक बयान जारी कर कहा, केंद्रीय सिविल सेवा नियम, 1965 के प्रावधानों के तहत केवीएस जहानाबाद में पोस्टेड प्राइमरी टीचर दीपाली को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, वे सारण जिले के केवीएस मशरक में रिपोर्ट करेंगी, साथ ही डीएम अलंकृता पांडे ने मामले का संज्ञान लिया और जांच के आदेश दिए।

समस्तीपुर से सांसद शांभवी चौधरी ने मामले का संज्ञान लिया, उन्होंने एक हैंडल पर टीचर के निलंबन की पुष्टि की। उन्होंने केंद्रीय संगठन को एक पत्र भी लिखा था, उसमें लिखा था ‘केंद्रीय विद्यालय संगठन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी शिक्षक इस तरह के भेदभावपूर्ण या आक्रामक व्यवहार में शामिल न हो। इस घटना से बिहार के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है और संस्था के विश्वास और अखंडता को बनाए रखने के लिए तत्काल कार्यवाही आवश्यक है।’

शिक्षक के निलंबन के बाद जहानाबाद के सांसद सुरेंद्र प्रताप यादव ने कहा किसी भी हाल में बिहार और बिहार वासियों के अस्मिता के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जा सकती, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले को लेकर केंद्रीय विद्यालय संगठन और शिक्षा मंत्री भारत सरकार को भी पत्र लिख कर ऐसे मानसिक रूप से विकृत शिक्षिका को बर्खास्त करने की मांग करेंगे ताकि भविष्य में कोई बिहार की अस्मिता के साथ खिलवाड़ न कर सके।

एक ओर छात्र और राजनीतिक पार्टी रोजगार के मुद्दे पर प्रदर्शन करते नजर आते हैं दूसरी ओर ऐसी विडियोज एक दूसरी तस्वीर पेश करती हैं। जिस वक्त यह वीडियो वायरल हो रहा था उस दौरान बिहार की राजधानी पटना के गर्दनीबाग में छात्र बिहार लोक सेवा आयोग के खिलाफ कथित धांधली का आरोप प्रदर्शन कर रहे थे, पड़ोसी राज्य झारखंड के छात्र भी झारखंड लोक सेवा आयोग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, उनका कहना है कि बीते कई महीनों से आयोग का अध्यक्ष नियुक्त नहीं हुआ।

कहने का लबो लबाब यह है कि जिन्हें नौकरी नहीं मिल रही वो जी जान लगा रहे हैं और जिन्हें मिल गई उन्हें अच्छी पोस्टिंग चाहिए, पहली पोस्टिंग से ही इतने निराश हो गए हैं कि संस्था और राज्य पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं।
साभार: द लल्लनटॉप
रजत रंजन के द्वारा
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