How Gandhi Ji became the face of the Indian Currency?

भारतीय मुद्रा (Indian Currency) पर आप जो गांधी जी की तस्वीर देखते हैं, वो कोई चित्रकारी (Painting) या कार्टून (Caricature) नहीं है बल्कि असली फोटो का कट आउट है जिसे उस मुद्रा पर लगाया गया था। और यह तस्वीर है 1946 की जिसमें गांधी जी लॉर्ड फ्रेडरिक (Lord Frederick) के साथ खड़े हैं। लेकिन सवाल यह है कि गांधी जी की तस्वीर भारतीय मुद्रा पर क्यों है? क्या आज़ादी के तुरंत बाद यह तय कर लिया गया कि नोट पर गांधी जी की तस्वीर लगेगी या फिर कुछ और बात है?

तो साल 1969 की बात है, गांधी जी की 100वीं जयंती मनाई जा रही थी। भारत सरकार ने तय किया कि इसी उपलक्ष्य में गांधी जी को श्रद्धांजलि (Tribute) देते हुए कुछ विशेष मुद्रा (Special Currency) निकलते हैं जिसमें गांधी जी की तस्वीर लगाई जाए, लेकिन 1987 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) 500 के नोट की सिरीज़ छाँपता है जिसमें गांधी जी की तस्वीर थी। अभी तक क्या हो रहा था कि नोटों पर अशोक स्तंभ, बाघ, और उपग्रह की तस्वीरें लगाई जाती थी लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक को ऐसा लगा कि अगर हम किसी व्यक्ति का चेहरा (Human Face) नोटों पर देते हैं तो इससे क्या होता है कि जाली नोट बनने की जो प्रक्रिया है, वो थोड़ी धीमी हो जाती है।

और उस समय गांधी जी की लोकप्रियता बहुत ज़्यादा थी, लोग उन्हें पूजते थे, उनकी वृतचित्र (Documentary) तक आ गई थी। इसलिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने तय किया कि अब हम गांधी जी की ही तस्वीर को भारत के नोट पर छापेंगे और 1996 वो साल था जब सारे भारत के नोटों पर गांधी जी की तस्वीर छाप दी गई।
रजत रंजन के द्वारा
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