katihar Mahasivratri
अनाथालय रोड में शिव मंदिर के प्रांगण में भव्य समारोह का आयोजन हुआ।

जिसमें कलाकारों ने अपने मधुर आवाज से कार्यक्रम को रंगारंग बनाया और उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

जैसे लग रहा था, मानो शिव जी के विवाह के अवसर पर पूरा कटिहार झूम रहा था, और भगवान शिव की महिमा को गाते हुए लोगों के चेहरे पर खुशी और उत्साह की झलक दिखाई दे रही थी।
बच्चे से लेकर बूढ़े तक, हर एक की मुस्कान झलक रही थी, और उनकी आंखों में उत्साह और खुशी की चमक दिखाई दे रही थी। वह एक ऐसा पल था जब पूरा समुदाय एक साथ आया था और भगवान शिव की महिमा का जश्न मना रहा था।
जमीन तो जमीन ऐसा लग रहा था, जैसे आसमान भी झूम रहा हो, सारी श्रृष्टि शिव जी के विवाह के शुभ अवसर पर, पूरा वातावरण जश्न और उत्साह से भर गया था
शिव जी के विवाह के अवसर पर तीन दिन से अनाथालय रोड के शिव मंदिर के पास भव्य समारोह का आयोजन किया जा रहा था, जिसमें स्थानीय लोगों के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों से भी लोग बड़ी संख्या में शामिल हो रहे थे।
चौबीस फरवरी की शाम को महा आरती का आयोजन किया गया था, जिसमें महिलाओं ने बहुत ही बढ़ चढ़ के हिस्सा लिया।
सब अपने घर से छोटे-छोटे दिए की आरती की थाली सजा के लाई थी, जो अपने आप में ही बहुत ही रमनीय था। वह देखने में बहुत ही अलौकिक लग रहा था, जैसे हर थाली में शिवजी सब नृत्य कर रहे हो। उस समय का वातावरण बहुत ही आध्यात्मिक और शांत था, जो सभी के हृदय को छू गया था।

शिवरात्रि के दिन से सुबह से ही सब लोग अपने घर से कलश भर भर के ला के शिव जी के चरणों में जल अर्पित कर रहे थे, और शाम को जागरण संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें भजन, कीर्तन और संगीत की धुनें शिव जी की महिमा को गाती रहीं। यह सब कुछ शिव जी की शादी को अविस्मरणीय बना दिया, और सभी के हृदय में शिव जी के प्रति भक्ति और प्रेम की भावना को बढ़ावा दिया।

और उसके बाद शिव जी के प्रसाद के रूप में खिचड़ी बनाया गया, जो शिव जी को बहुत प्रिय है। खिचड़ी का भोग लगा के सभी श्रद्धालुओं के बीच वितरण किया गया, जो बहुत ही स्वादिष्ट और पवित्र होता है। सभी श्रद्धालुओं ने इस प्रसाद को ग्रहण किया और शिव जी की कृपा को महसूस किया। यह एक बहुत ही आनंदमय और आध्यात्मिक अनुभव था।