Maaheshivratri Special
आज शिवरात्रि है और सृष्टि का कण कण मानो जश्न में डूबा है।

आज शिवरात्रि है और सृष्टि का कण कण मानो जश्न में डूबा है। भारत की उत्सवधर्मिता इतनी ज्यादा है कि अवसाद यहां टिक ही नहीं सकता। घर से आप निकलेंगे ढ़ोल नगाड़े शिव बारात, भंडारे यही सब नज़र आयेगा। अगर आप लखनऊ में है तब तो सोने पर सुहागा यहाँ कि गलियाँ चौराहे सब आज शिवमय हैं।

हों भी क्यों न आखिर शिव सबके आराध्य देव हैं। पशुओं के पशुपतिनाथ हैं,देवों के देव महादेव हैं, दानवों पर भी दया करने वाले हैं , किन्नर हों, विषैले जीव हों कोई भी जो शिव भक्ति करता है शिव उसी के हैं।शिव किसी में भेद नहीं करते हैं। शिव इतने संतोषी हैं कि वो मात्र एक लोटा जल चढ़ा देने भर से प्रसन्न हो जाते हैं।आप शिव भक्ति में डूब कर तो देखिये कोई परिस्थिति आपको विचलित नहीं कर पायेगी क्योंकि एक विश्वास रहता है कि शिव हमेशा आपका साथ देंगे।

शिव साहस भी देते हैं विश का पान करके, श्मशान में निवास करके वो आश्वस्त करते हैं कि परिस्थिति कोई भी हो, जगह कोई भी हो यदि आपका ध्येय उत्तम हैं विचार उत्तम हो तो परिणाम उत्तम ही होगा।आशुतोष कम में भी संतोष रखने की शिक्षा देते हैं और औघड़ दानी स्वरूप में सम्पूर्ण सृष्टि के हित हेतु सर्वस्व न्योछावर करने की पवित्र भावना की प्रेरणा देते हैं। शिव जिसमें समा जाते हैं वो शिवमय हो जाता है, शून्य हो जाता है।

शून्य होना ही सर्वश्रेष्ठ है क्योंकि यह वह स्थिति है जब आप हर लोभ मोह अवसाद से मुक्त, कर्म करते रहने और फल की चिंता न करने की अवस्था को प्राप्त कर लेते हैं।
इसीलिये जरूरी है कि आज हम आदियोगी शिव जी की शिक्षाओं से प्रेरित हों और शिवत्व की ओर बढ़ सकें।
हर हर महादेव 🙏🏻❤
Written By Shalini Shrivastav..pic credited By AI