लाल दाल की स्वादिष्ट सब्जी: बच्चे भी मांग-मांग कर खाएंगे, आसान रेसिपी
आप रोज रोज हरी सब्जी खाकर अगर हो गए हैं बोर तो ट्राई करें ये लाल दाल (मसूर) की रेसीपी जिसका स्वाद है सबसे अलग और हेल्दी अलग क्योंकि बच्चे रोज रोज दाल देखकर मुंह बनाते हैं और दाल खाना बहुत ही जरूरी है तो मां सोचती की अलग अलग दाल की रेसिपी कैसे मैनेज करें और सबसे बड़ी बात ये कि बच्चों को पता भी न चले ।

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तो चलिए आज मैं आपको बताती हूं कि कैसे दाल की सब्जी बनाए मेरा बेटा भी रोज खाने में ड्रामे करता है लेकिन ये सब्जी वो बहुत ही चाव से खाता है ।
सबसे पहले दाल को दो तीन घंटे पानी में सोक कर लें उसको बढ़िया से पानी में डूबने दें ताकि उसका दरदरापन कम हो जाए और मुलायम हो जाएं ।
मिक्सी में फिर पिस लें और उसमें थोड़ा नमक स्वादानुसार,हल्दी, कच्ची मिर्ची काटकर , अजवाइन और साबुत जीरा , फिर हल्का सा हींग और हल्दी इन सबको अच्छे से मिला लें और फिर प्याज बारीक काटकर अभी चूंकि हरे प्याज का सीज़न है तो वो मिल गया तो सोने पर सुहागा हो जाएगा ।

अब कढ़ाई में गर्म होने पर सरसों को तेल डालें और पकोड़े के जैसे सबको तल लें और फिर मसाला की तैयारी करें ।
सबसे पहले आप सरसों तेल में थोड़ा पंच फोरन डाले अगर पंच फोरन (जीरा,सरसों, सौंफ,मेथी,अजवाइन) नहीं है या तो इनमें से कोई भी दाना घर में उपलब्ध है तो चलेगा नहीं तो जीरा भी डाल दीजिए ….उसके बाद चटकने पर उसमें कटे हुए दो टमाटर डालिए और धीरे धीरे बेसिक मसाले जैसे धनिया पाउडर,मिर्च हल्दी पाउडर और थोड़ा दो कटा हुआ प्याज और कुछ लहसुन के दाने जोकि मिक्सी में पीस कर रख लें और धीरे धीरे कढ़ाई में डालते जाएं और तेल छूटने का इंतजार करें फिर जब मसाला तेल छोड़ने लगे तो हिसाब से पानी डाल दें कि आपको चावल के साथ खाना है कि रोटी के साथ हमें तो चावल के साथ खाना बहुत पसंद है ।

जब पानी में उबाल आने लगे तो धीरे धीरे सारे पकोड़े ग्रेवी में गिराते जाएंगे
उसके बाद जब पकौड़े खोलने लगे तो उसमें। आप थोड़ा गर्म मसाला और बारीक कटा हुआ धनिया से गार्निश कर देंगे ।
फिर आप इसको चावल के साथ गर्म गर्म सर्व करके देखिए ।

अगर घर में बेसन खत्म हो गया है तो आप इस बेसन में भी पकौड़े और बाकी सब्जियां बना सकते है। एक बार ये रेसिपी जरूर ट्राई कराएगा मेरी तो फेवरेट है जिसको भी खिलाएं हैं उसकी भी फेवरेट हो गई है ।
जब भी भी मेरे पड़ोसियों के कटोरियां इकठ्ठा हो जाती हैं तो फिर मैं एक कढ़ाई ये सब्जी बनाती हूं और सबके बर्तन वापिस कर आती हूं लेकिन मेरे पड़ोसी भी कमाल के हैं फिर सप्ताह भर के अंदर कटोरियां इकठ्ठा कर देतें हैं ।
written by sadhana Bhushan photo sadhana Bhushan gallery…