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SSC Protest: दिल्ली में इन मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन

देश के अलग-अलग राज्यों से SSC Protest को लेकर अभ्यर्थियों के समर्थन में दिल्ली पहुंचे शिक्षकों को पुलिस ने भगा दिया और कुछ को अरेस्ट कर लिया। सभी शिक्षक कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की ओर से आयोजित परीक्षा में होने वाली गड़बड़ियों में सुधार की मांग को लेकर दिल्ली स्थित कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग कार्यालय (DOPT) के पास जमा हुए थे।

मिली सूत्रों के अनुसार, एसएससी की परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों ने परीक्षा में हो रही धांधली और इसमें सुधार की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी के मद्देनजर 31 जुलाई को ‘दिल्ली चलो’ मार्च प्रस्तावित था। इस मार्च से पहले ही एसएससी की कार्यप्रणाली के विरोध में आंदोलन जोर पकड़ने लगा।

*जाने क्या है विरोध प्रदर्शन का कारण?*

कई बार पर विभिन्न वजहों से आयोजित परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया था।

केंद्र अपने शहर (Home City) से बहुत दूर भेजे जा रहे थे, और हवाला ये दे रहे थे कि केंद्र पर चोरी नहीं होगी, किसी भी चीज की कोई चीज कमी नहीं होगी।

एसएससी की परीक्षा के दौरान प्रशासनिक खामियां सामने आई।

परीक्षा केंद्रों का गलत आवंटन किया गया।

परीक्षा के दौरान कई तकनीकी खामियां आईं।

इस दौरान कहीं सिस्टम क्रैश कर गया, तो कही सर्वर संबंधी समस्या आ गई।

कुछ परीक्षा केंद्रों से अभ्यर्थियों के साथ दुर्व्यवहार के मामले सामने आए थे।

यहां सुरक्षाकर्मियों और कर्मचारियों पर अभ्यर्थियों के साथ गलत व्यवहार करने का आरोप लगाया गया था।

जहां फोन प्रतिबंधित होता है, जहां सैकड़ों कैमरे होते हैं, उस केंद्र पर 16 साल की निरीक्षक (Invigilator) रील बना रही थी, बावजूद कोई कार्यवाही नहीं किया गया।

जब से विक्रेता (Vendor), Tata Consultancy Services (TCS) से Eduquity को दिया गया और SSC की परीक्षा 24 से शुरू हुआ है, तब से ये समस्या देखने को मिल रही थी।

इसी के संदर्भ में आज देश भर के शिक्षक एवं शिक्षिका ने आज दिल्ली जाने का प्रस्ताव रखा था।

विरोध प्रदर्शन (Protest) के दौरान कई शिक्षकों को गिरफ्तार कर के बस में सवार कर के, बिना कोई सूचना के दिल्ली से बाहर या कहीं गुप्त जगह ले जाया गया जिसमें से कुछ ख़ास शिक्षक ये थे: नीतू सिंह मैम, राकेश यादव सर, नवीन सर, आदित्य रंजन सर और भी कई शिक्षक थे।

कुछ शिक्षक वहां से बच के जंतर मंतर आ गए और वहां से विरोध प्रदर्शन किया। जैसे आकाश चतुर्वेदी सर, अभिनय शर्मा सर, गगन प्रताप सर, विक्रमजीत सर, इत्यादि।

सूत्रों के मुताबिक, बहुत समय बाद किसी एक शिक्षक को बात करने के लिए बुलाया गया और उसमें से अभिनय शर्मा सर गए, और SSC ने ये साफ किया कि और ऐसा कथन दिया:

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 SSC ने मना कर दिया New Vendor नहीं आएगा अभी

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 Selection Post Cancel nhi hoga

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 SSC CGL Paper में सुधार karge

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 सभी पेपर टाइम पर होंगे कोई भी एग्जाम पोस्टपोन नहीं होगा।

ये देख के शिक्षक और विद्यार्थी में आक्रोश की भावना और उत्पन्न हो गई, और कहा कि जब तक हमारी बात नहीं मानी जाएगी तब तक हम प्रदर्शन करेंगे।

ये कोई एक सरकारी परीक्षा का मुद्दा नहीं है, इससे कई परीक्षा का संबंध है, जैसे SSC, Railway, CTET इत्यादि।

जिस देश में शिक्षक को पुलिस के द्वारा घसीटा जाए, उनको गिरफ्तार किया जाए, उनको एक अपराधी के तहत सुलूक किया जाए आप समझ सकते हैं कि उस देश की सरकार कैसी होगी, जहां सरकार को विद्यार्थियों की भविष्य की कोई चिंता नहीं होगी, वहां शिक्षा का कोई महत्व नहीं है। जहां शिक्षक को गिरफ्तार कर के उन्हें मीडिया के सामने बोलने से रोका जाए, ये एक तानाशाह है, यह Right to Speech को खंडन करती है।

सरकारी नौकरी की तैयारी कोई अमीर घर के बच्चे नहीं करते, वो अधिकतर गरीब घर से ताल्लुक रखते हैं, और कहने के लिए फॉर्म की कीमत 100 रुपए रखी जाती है और केंद्र इतना दूर देते हैं जहां न कुछ तो कम से कम 5000-6000 रुपए आने जाने और रहने में खर्च हो जाते हैं, जो किसी गरीब घर की एक महीने का वेतन तक नहीं होता है, सरकार को ये बातें समझ नहीं आती।

हरेक चुनाव के पूर्व सरकारी नौकरी के नाम पर बस वोट मांगा जाता है, बेरोजगारों को लुभाया जाता है, लेकिन सरकार ऐसा कुछ नहीं करती, जहां रिक्त पदों पर भर्ती होनी है वहां सरकार कम रिक्ति (Vacancy) लाती है और एक सामान्य सा परीक्षा इनसे आयोजित नहीं होता और ये कहते हैं कि ये विश्वगुरु बनेंगे।

जिस देश में शिक्षक को पुलिस के द्वारा डंडे पड़वाए जाए, जहां उन्हें गिरफ्त किया जाए, वो देश एक सही सरकार के हाथ में नहीं है। वो दिन अब दूर नहीं की आने वाले कुछ दिनों में हमारा देश भारत, बांग्लादेश न बन जाए।

Written By: Pooja Singh
Edited By: Rajat Ranjan

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