ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों ने आज किया ‘भारत बंद’ का आह्वान
रिपोर्ट: पूजा सिंह
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प्रमुख केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों के संयुक्त मंच ने आज देशव्यापी ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। ‘बंद’ केंद्र सरकार की ‘मजदूर विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों’ के खिलाफ एक विरोध है। बैंकिंग, परिवहन, डाक सेवाओं, खनन और निर्माण जैसे प्रमुख क्षेत्रों के 25 करोड़ से अधिक श्रमिकों और ग्रामीण मजदूरों के आज भारत बंद में भाग लेने की उम्मीद है। बंद के बावजूद आज शेयर मार्केट खुला है।
ट्रेड यूनियनों का कहना है कि संसद द्वारा पारित चार नए श्रम कानून श्रमिकों के कई अधिकार छीन लेते हैं। जबकि स्कूल, कॉलेज और निजी कार्यालय खुले रहने की संभावना है, परिवहन और अन्य सार्वजनिक सेवाओं में व्यवधान दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकता है।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेड यूनियनों का दावा है कि ये कानून हड़ताल पर जाना, लंबे समय तक काम करने की मांग करना और श्रम नियमों को तोड़ने पर भी कर्मचारियों की रक्षा करना कठिन बनाते हैं।

श्रम संगठनों की मांगों में चार श्रम संहिताओं को खत्म करना, ठेका प्रणाली समाप्त करना, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण बंद करना तथा न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाकर 26,000 रुपये प्रति माह करना शामिल है। इसके अलावा किसान संगठन स्वामीनाथन आयोग के सी2 प्लस 50 प्रतिशत के सूत्र के आधार पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और किसानों के लिए ऋण माफी की मांग भी कर रहे हैं।