नेपाल के मुख्य ग्लेशियर के मौत का मातम मनाया गया
अभिषेक झा के द्वारा लिखा गया
संपादित (edited by): रजत रंजन साभार: हिंदुस्तान
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एक हिमालयी ग्लेशियर को मरा हुआ करार दे दिया गया उसके बाद कई glaciologist और स्थानीय लोगों ने नेपाल के याला ग्लेशियर के मरने पर शोक व्यक्त किया ऐसा कहा जा रहा है की ये दुनिया का तीसरा और एशिया का पहला ऐसा ग्लेशियर है बन गया है जिसका अंतिम संस्कार किया। ऐसा बताया जा रहा है की याला ग्लेशियर का आकार दिन प्रतिदिन छोटा होता जा रहा था और तो और ये अपनी जगह से 784 मीटर तक पीछे हट चुका था और ये 1970 के बाद से 66% सिकुड़ भी चुका था जिसके बाद इसे मरा (dead) घोषित किया गया जिसका मतलब इसमें अब जरूरत अनुसार बर्फ नही बची है। इसी की याद मै नेपाल, भारत, भूटान और चीन के ग्लेशियर वैज्ञानिकों और वहां के स्थानीय लोगों ने वहा शोक सभा आयोजित की जिसमें भाग लेने के लिए लोगों ने ऊंचाई पर कठिन ट्रैक कर लोगो ने इसमें हिस्सा लिया।

वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी:-
वैज्ञानिकों ने बहुत ही घबराने वाली बात कह दी है की इस सदी के अंत तक लगभग हिमालय वाली जगहों पर मोजूद 54,000 ग्लेशियरों में से अधिकतर इस सदी तक समाप्त हो जायेंगे दुनिया के पर्वतों से 9 trillion बर्फ पिघल चुकी है।

ग्लेशियर के मातम का कारण:-
इस घटना का मुख्य कारण जलवायु का परिवर्तन माना गया है। जलवायु परिवर्तन को एक गंभीर प्रभावों की और एक गंभीर चेतावनी के रूप मैं देखा जा रहा है।