मोबाइल की आदत बच्चों को बना रही मानसिक रूप से बीमार

वर्तमान समय में मोबाइल फोन रोटी, कपड़ा और मकान जितना जरुरी हो गया है। कई लोगों का कामकाज ही मोबाइल फ़ोन पर चलता है। इस दौर में सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी मोबाइल की लत का शिकार हो रहे हैं। घंटों तक मोबाइल फोन इस्तेमाल करने से बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। कम उम्र में एक्सेस स्क्रीन टाइम से बच्चे कई बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, बचपन में ही मोबाइल की लत लगने से बच्चे कई बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। स्क्रीन टाइम बढ़ने से फिजिकल एक्टिविटी कम होती हैं। ओवरईटिंग की आदत बनती है और फिर ये मोटापा देती है।

ज़्यादा देर तक मोबाइल देखने से बच्चों की आंख कमजोर होने लगती है, जिस वजह से उनके आँखों से पानी आना, जलन होना लगता है और कम उम्र में ही चश्मा लग जाता है। ज़्यादा देर मोबाइल चलाने से बच्चों को सर्वाइकल पेन की समस्या भी हो सकती है। मोबाइल की लत से बच्चों को सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक परेशानी का भी सामना करना पड़ता है।
पांच साल तक के 99% बच्चों को मोबाइल और गैजेट का एडिक्शन है और देश में 66% पेरेंट्स को ये पता ही नहीं है कि ज्यादा स्क्रीन टाइम उनके बच्चे के लिए खतरनाक है। हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक, 65% फैमिली खाना खिलाते समय बच्चे को टीवी-मोबाइल दिखाते हैं। 12 महीने का बच्चा भी हर दिन 53 मिनट स्क्रीन देखने में बिताता है और 3 साल की उम्र आते-आते स्क्रीन टाइम बढ़कर डेढ़ घंटा हो जाता है, जो कि बच्चों के लिए बेहद नुकसानदायक है।
सोर्स – इंडिया टीवी
पूजा सिंह के द्वारा