पूर्णिया एसपी कार्तिकेय एन शर्मा का तबादला, कार्तिकेय एन. शर्मा: सादगी में कठोरता, चुप्पी में काम का शोर
रिपोर्ट: बिट्टू कुमार
फोटो साभार: बिट्टू कुमार
पूर्णिया – पूर्णिया के पुलिस कप्तान रहे कार्तिकेय एन. शर्मा जी का समय से पहले तबादला हुआ — यह न सिर्फ अचानक था, बल्कि प्रशासनिक हलकों और पत्रकारिता क्षेत्र में हलचल भी पैदा कर गया।
कोई संपूर्ण नहीं होता, न ही हर कोई खुद को संपूर्ण साबित कर पाता है। पर कुछ अधिकारी ऐसे होते हैं जो हर मोर्चे पर बेहतर से बेहतर देने की कोशिश करते हैं — कार्तिकेय एन. शर्मा उन्हीं में से थे।

व्यक्तिगत तौर पर, मेरी उनसे ज्यादा मुलाकातें नहीं रहीं — बस दो-तीन प्रेस कॉन्फ्रेंस। लेकिन इतने में ही उनके व्यवहार, स्पष्टता और चुपचाप काम करने की शैली ने प्रभावित किया।
जो योगदान हमेशा स्मरणीय रहेंगे:
1. नशे के खिलाफ निर्णायक अभियान:
सीमांचल के जहरीले ड्रग नेटवर्क — ब्राउन शुगर से लेकर गांजा और सिंथेटिक ड्रग्स — पर उन्होंने सख्त और साहसी अभियान चलाया।
2. गिरोह और अपराध सिंडिकेट्स पर कार्रवाई:
शातिर अपराधियों और गैंग्स के खिलाफ निरंतर कार्रवाई हुई। क्षेत्र में सुरक्षा का एक नया भरोसा जगा।
3. पुलिसिंग की छवि को गरिमा देना:
उन्होंने थानों में संवेदनशीलता, जवाबदेही और जनता के सम्मान की ओर विशेष ध्यान दिया।

जो अधूरा रह गया…

महिला सुरक्षा सेल की मजबूती, ट्रैफिक व्यवस्था का उन्नयन और भूमाफिया पर ठोस प्रहार — ये ऐसे मोर्चे रहे, जहां उम्मीद थी कि वे आगे और भी निर्णायक साबित होंगे।

नशा मुक्ति अभियान को जनांदोलन बनाने का बीज तो उन्होंने बोया, लेकिन फलने-फूलने से पहले ही वक़्त ने उन्हें वहां से हटा दिया।
कुछ घटनाएँ, कुछ सवाल…

हालांकि, कार्यकाल के दौरान शहर में घटित कुछ बड़ी घटनाओं को लेकर पीड़ित परिवारों द्वारा उनके पक्षपाती रुख पर सवाल उठाए गए।
लेकिन हमें यह उम्मीद और भरोसा है कि पूर्णिया पुलिस ऐसी हर घटना की निष्पक्ष, संवेदनशील और गहन जांच जारी रखेगी — ताकि जनविश्वास बना रहे।